अब आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर पाराडोल की श्याम बाई

Jun 16, 2025 - 17:44
 0  1
अब आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर पाराडोल की श्याम बाई

रायपुर. मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का उचित क्रियान्वयन कर आमजनों को समय पर लाभ पहुंचाया जा रहा है। अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाकर जनकल्याण सुनिश्चित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर के विकासखंड मनेंद्रगढ़ स्थित ग्राम  पंचायत पाराडोल की एक साधारण गृहिणी श्याम बाई की कहानी अब बदलाव, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता की मिसाल बन चुकी है। कभी पानी के लिए लंबी दूरी तय करने वाली श्याम बाई आज पूरे गांव में प्रेरणा का प्रतीक बन गई हैं।

श्याम बाई को पानी के लिए रोज़ाना “एक किलोमीटर का संघर्ष करना पड़ता था“
वर्षों से जल संकट की मार झेलते हुए श्याम बाई न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थीं, बल्कि सुबह-सवेरे एक किलोमीटर दूर से पानी ढोना उनकी दिनचर्या बन गई थी। गर्मियों में कुएं सूख जाते थे, सार्वजनिक नल काफी दूर होते थे और हर दिन का अधिकांश समय केवल पानी लाने में ही चला जाता था। जिसके चलते उनकी सेहत पर विपरीत असर पड़ता था और अपने बच्चों को भी ज्यादा समय नहीं दे पाती थी।

जब उम्मीदों को मिला सहारा, गांव आया जल जीवन मिशन
श्याम बाई का जीवन तब बदला जब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “जल जीवन मिशन” का प्रभावशाली क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मेहनत, ग्राम पंचायत की सक्रिय भूमिका और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्राम पाराडोल में घर-घर नल कनेक्शन पहुंचाए गए। अब हर घर में स्वच्छ, सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी मिल रहा है।

पानी से बढ़ा श्याम बाई का आत्मविश्वास, बना आजीविका का साधन
इस बदलाव ने न केवल श्याम बाई को राहत दी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर किया। पानी की चिंता मिटते ही श्याम बाई ने अपने खाली समय का सदुपयोग करते हुए गांव की महिलाओं के साथ मिलकर एक स्व-सहायता समूह बनाया, जिसमें वे अचार, पापड़ और अन्य घरेलू उत्पाद बनाकर स्थानीय हाट-बाजार में बेच रही हैं। इससे उनकी आय बढ़ी है, आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अब अपने परिवार की आय में भागीदार बन गई हैं।
गांव में जल जीवन मिशन लागू होने के बाद वहां की पूरी तस्वीर बदल गई है। अब बच्चों को स्कूल जाते वक्त साफ पानी मिलता है, जल जनित बीमारियां घट गई हैं और महिलाओं का समय बच रहा है। महिलाएं अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में भी सशक्त भूमिका निभा रही हैं। घरेलु आवश्यकताओं को पूरा करने में अपना सहयोग देने से उनका समाज एवं परिवार में मान-सम्मान भी बढ़ा है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दिल से धन्यवाद
श्याम बाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इस योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, यह केवल पानी नहीं है, यह सम्मान, आत्मविश्वास और अवसरों की सौगात है। पहले हम पानी के लिए दूर जाते थे, अब पानी हमारे घर आता है और हम गरिमा के साथ जीते हैं।

शक्ति की प्रतीक बनीं श्याम बाई हर महिला के लिए एक संदेश
श्याम बाई की यह प्रेरक कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर तक ईमानदारी से पहुंचती हैं, तो वे न केवल जीवनशैली बदलती हैं बल्कि समाज की तस्वीर भी संवारती हैं। जल जीवन मिशन महज एक योजना नहीं, बल्कि यह करोड़ों परिवारों के जीवन में खुशहाली और स्वाभिमान की एक नई सुबह है। श्याम बाई आज केवल एक नाम नहीं, बल्कि वे उन करोड़ों महिलाओं की आवाज़ बन चुकी हैं, जो वर्षों से जल संकट का सामना कर रही थीं। उनकी कहानी बताती है कि जब सरकार, समाज और तकनीक एक दिशा में काम करते हैं, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह जाता।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0